UP: 12 दिन, 20 नुक्कड़ सभाएं, अमेठी-रायबरेली के लिए ऐसा है प्रियंका का प्ला

UP: 12 दिन, 20 नुक्कड़ सभाएं, अमेठी-रायबरेली के लिए ऐसा है प्रियंका का प्ला

लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक पार्टियां जमकर प्रचार कर रही हैं. सभी की नजरें उत्तर प्रदेश पर टिकी हुई हैं. यहां लोकसभा की 80 सीटें हैं. कहा जाता है कि दिल्ली की सत्ता का रास्ता इसी राज्य से होकर गुजरता है, लेकिन इन सब के बीच इस समय रायबरेली और अमेठी हॉट सीटें हैं, जहां मुकाबला दिलचस्प बना हुआ है. यहां गांधी परिवार की साख दांव पर लगी ही. यही वजह है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने इस क्षेत्र में डेरा डाला हुआ है और मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए हर संभव रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं.

प्रियंका गांधी अमेठी और रायबरेली क्षेत्र मे 12 दिनों तक रहेंगी. उन्होंने अमेठी-रायबरेली की हर विधानसभा के ज्यादा से ज्यादा गांवों को टच करने का टारगेट सेट किया है ताकि पार्टी के पक्ष में बेहतर से बेहतर माहौल बनाया जा सके. कांग्रेस महासचिव रोजाना करीब 20 नुक्कड़ सभाएं करेंगी. साथ ही साथ उन्होंने दोनों सीटों पर विश्वासपात्र 500 कार्यकर्ताओं को तैनात किया है, जो बारीकी से चुनाव की रणनीति को जमीन पर उतारने का काम करेंगे.

कांग्रेस ने क्या रखी है थीम?

प्रियंका गांधी कार्यकर्ताओं के साथ रोजाना रणनीतिक बैठक करेंगी और सोशल मीडिया के जरिए विपक्षी पार्टी को घेरेंगी और तीखा प्रचार करेंगी. इसके अलावा अमेठी में अशोक गहलोत और रायबरेली में भूपेश बघेल के अनुभव का इस्तेमाल किया जाएगा. गांधी परिवार ने इन इलाकों का मोतीलाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, राजीव गांधी के जुड़ाव वाले वाकयों का इस्तेमाल करके चुनाव में भावनात्मक अपील करने की कोशिश की है.

अमेठी से उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा के अनुभव का रायबरेली में भी इस्तेमाल किया जाएगा. कांग्रेस ने आजादी आंदोलन, संविधान बचाओ के नारों के जरिए क्रांति की धरती पर सत्य की लड़ाई थीम रखी है. इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर जोर देने की कोशिश है. प्रियंका गांधी सोमवार को कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद आज जनता के बीच रायबरेली-अमेठी की सड़कों पर उतरेंगी.

राहुल जिताने के लिए प्रियंका की रणनीति

प्रियंका गांधी ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि रायबरेली से कांग्रेस उम्मीदवार व उनके भाई राहुल गांधी को केरल की वायनाड सीट से ज्यादा मतों के अंतर से जिताया जाए. इसके पीछे की रणनीति ये है कि अगर राहुल गांधी रायबरेली में ज्यादा मतों से जीतते हैं तो वायनाड छोड़ने के लिए तर्क रहेगा. पिछले चुनाव में वायनाड से राहुल गांधी 4 लाख 30 हजार वोटों से जीते थे. इस बार रायबरेली से राहुल के सामने बीजेपी के उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह हैं.

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